बिहार की राजधानी पटना में पुलिस पर हमला करने के मामले में दुकानदार सरफराज को छुड़वाने के लिए शुक्रवार शाम पीरबहोर थाने पहुंचे राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के बेटे व वार्ड 40 के पूर्व पार्षद असफर अहमद ने जमकर हंगामा किया। आधा दर्जन पुलिसवालों के सामने पूर्व वार्ड पार्षद ने टाउन डीएसपी अशोक प्रसाद सिंह के साथ बदतमीजी भी की। उन्हें वर्दी उतरवाने तक की धमकी दे डाली।
टाउन डीएसपी से बदतमीजी के बाद असफर को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद थाने पर उनके पिता अनवर अहमद पहुंचे। पीछे से सैकड़ों लोगों ने पीरबहोर थाने को घेर लिया। लोग हंगामा करने लगे। रात आठ बजे पीरबहोर थाने के सामने अशोक राजपथ को लोगों ने जाम कर दिया। यह देख पुलिस गाड़ियों को डायवर्ट करने लगी। हालात तनावपूर्ण देख वज्र वाहन के साथ भारी संख्या में फोर्स को मौके पर बुलाकर इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
देर रात तक लोग पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए पूर्व पार्षद को छोड़ने की मांग कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि पूर्व वार्ड पार्षद पर डीएसपी से बदतमीजी का आरोप है। टाउन डीएसपी के मुताबिक पूर्व पार्षद और सरफराज पर केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, पूर्व एमएलसी को देर रात तक थाने पर रोक कर रखा गया था।
पुलिस दुकानदार से देर शाम पूछताछ कर रही थी। इसी बीच पूर्व पार्षद थाने में पहुंच गये। उन्होंने दुकानदार को बेकसूर बताते हुए उसे छोड़ देने को कहा। इस पर पुलिस ने पूछताछ और जांच पूरी होने के बाद उसे छोड़ने की बात कही। आरोप है कि यह सब सुनकर पूर्व पार्षद वहां से चले गये। इसके थोड़े देर बाद वे दोबारा कुछ लोगों के साथ थाने पहुंचे और हंगामा करने लगे। पास में मौजूद टाउन डीएसपी से भी पूर्व पार्षद उलझ गये। डीएसपी से बदतमीजी की। पुलिस की मानें तो उन्होंने लोगों को इकट्ठा कर हंगामा करवाने की धमकी तक दे डाली। डीएसपी से पूर्व पार्षद को उलझता देख पुलिसवालों ने उन्हें पकड़कर थाने में बैठा लिया। उन पर गुरुवार को हुए बवाल में भी शामिल होने का आरोप है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीरबहोर थाने की पुलिस और कुछ दलालों की मिलीभगत से सब्जीबाग व उसके आसपास नशीला पदार्थ बेचा जाता है। पुलिस मादक पदार्थों को बेचने वालों पर कार्रवाई नहीं करती। दलालों के जरिये सबकुछ मैनेज हो जाता है। पूर्व वार्ड पार्षद पर हुई कार्रवाई से भी लोग नाराज थे। उन्होंने कहा कि असफर ने कोई गलती नहीं की थी। वार्ड के पूर्व पार्षद होने के नाते वे दकानदार को छुड़वाने गये थे लेकिन पुलिस ने उनके ऊपर ही कार्रवाई कर दी।
हंगामे के दौरान बेटे के बाद थाने में गये पूर्व एमएलसी अनवर अहमद पर भी पुलिस का शिकंजा कस सकता है। पुलिस अधिकारियों की मानें तों उन्होंने भी ऊंचे आवाज में थाने में बात की है। सूत्रों के मुताबिक उन पर कार्रवाई की जा सकती है। पहले भी पूर्व एमएलसी अनवर पर पुलिस से उलझने को लेकर पीरबहोर थाने में ही केस दर्ज किया गया था।