बिहार के कई जिलों में खाद की किल्लत हो गई है। कृषि विभाग का कहना है कि खरीफ मौसम 2022 में धान की रोपाई 86 प्रतिशत तक हो चुका है। अब किसानों को धान फसल के लिए पर्याप्त उर्वरक की आवश्यकता है। मगर केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न उर्वरकों की जरूरत के हिसाब से आपूर्ति नहीं की जा रही है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मंगलवार को राज्य में विभिन्न उर्वरकों की आवश्यकता, आवंटन एवं आपूर्ति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि आवश्यकतानुसार विभिन्न उर्वरकों की आपूर्ति करने के लिए भारत सरकार को पत्र भेजा जा रहा है।
कृषि मंत्री ने सुधाकर सिंह ने कहा कि केंद्र की ओर से यूरिया की अप्रैल से अगस्त तक 7.70 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता के विरूद्ध 6.71525 (87 प्रतिशत) लाख मीट्रिक टन ही उपलब्ध कराया गया है। इसी प्रकार इस अवधि में डीएपी की 2.50 लाख मीट्रिक टन, एनपीके की 1.90 लाख मीट्रिक टन और एओपी की 0.95 लाख मीट्रिक टन जरूरत थी, मगर डीएपी की 1.72033 (69 प्रतिशत) लाख मीट्रिक टन, एनपीके की 1.50843 (79 प्रतिशत) लाख मीट्रिक टन और एमओपी की 0.35588 (37 प्रतिशत) लाख मीट्रिक टन ही आपूर्ति की गई। यह जरूरत से 13 फीसदी कम है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान उर्वरक संबंधी कठिनाई या शिकायत के लिए कृषि निदेशालय के हेल्पलाइन नंबर 0612-2233555 पर और जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी/जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। बैठक में कृषि विभाग के सचिव डॉ. एन सरवण कुमार, कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश सहित मुख्यालय के वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।