एसडीएम, सीओ व चिकित्सा अधिकारी की मौजूदगी में बीते दिनों हुई छापेमारी के दौरान मनियर के जिस निजी नर्सिंग होम में अनियमितता मिली थी, उसे सील भी किया गया लेकिन अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसे लेकर लोगों में तमाम चर्चा है। खास बात यह कि प्रभारी चिकित्सक का कहना है कि एसडीएम के निर्देश पर घटना के दिन ही इसकी तहरीर पुलिस को दे दी थी, जबकि एसओ का कहना है कि उन्हें कोई तहरीर ही नहीं मिली है।
मनियर थाना क्षेत्र के सूर्यपुरा गांव के पास एक आवासीय मकान के दूसरे तल्ले पर संचालित नर्सिंग होम पर 26 जुलाई को एसडीएम दीपशिखा सिंह, सीओ राजेश तिवारी व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मनियर डा. शैलेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में छापा मारा गया था। उक्त अस्पताल के साथ ही कुछ दूरी पर स्थित अस्पताल के ही मेडिकल स्टोर को एसआई अरुण सिंह ने सील किया था। छापेमारी के दौरान अस्पताल में छह मरीज मिले थे। सभी को सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने बताया था कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं है तथा यह अस्पताल अवैध रूप से संचालित है।
घटना के करीब छह दिन बाद भी अस्पताल संचालक पर मुकदमा नहीं होने से लोगों में तमाम चर्चाए हैं। लोगों ने जिम्मेदारों पर मामले की लीपापोती का आरोप भी लगाया।
इस बाबत पीएचसी मनियर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि एसडीएम के निर्देश पर तहरीर घटना के दिन ही मनियर थाने को दे दिया है। जबकि एसएचओ आरआर यादव का कहना है कि कोई तहरीर नहीं मिली है।