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पुलिस की सफलता में महिला बल की भूमिका अहम-आईजी

  • बीएसएपी-3 में 1244 महिला बल का हुआ पासिंग आउट परेड
  • जनता की सेवा व अपराधियों को भयभीत करने का सभी ने लिया संकल्प

पुलिस की लगभग सफलताओं में महिला बल की भूमिका अहम होती हैं। सामाजिक परिवेश में महिलाओं को जहां सरकारी नौकरियों में कम मौका मिल पाता है। लेकिन ये परिजन भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने अपने बेटियों पर विश्वास किया और पुलिस की सेवा में आने में पूरा सहयोग किया। यह बातें मंगलवार को मगध प्रक्षेत्र के आईजी ने कही। मौका था बोधगया स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-3 में बुनियादी प्रशिक्षु महिला सिपाहियों का दीक्षांत समारोह का। यहां विभिन्न सात जिलों की 1244 महिला बलों ने 216 दिनों तक प्रशिक्षण अवधि पूरी की। पासिंग आउट परेड समारोह के मुख्य अतिथि आईजी विनय कुमार ने सलामी का निरीक्षण किया और दीक्षांत परेड की सलामी ली। आईजी ने समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और आम लोगों की सुरक्षा का दायित्व होनहार महिला बल को मिला है। जिस तरह महिला पुलिस बल ने आज के इस परेड में अनुशासन का परिचय दिया है ठीक उसी प्रकार अपने कर्तव्यों का पालन ड्यूटी के दौरान भी करेंगी। यह मुझे पूरा विश्वास है। आपके व्यवहार कुशलता से ही आधी समस्याओं का समाधान संभव है। कार्यक्रम के दौरान सभी महिला बल ने जनता की सेवा व अपराधियों को भयभीत करने का सामुहिक संकल्प लिया। वहीं प्रशिक्षण अवधि में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली दो महिला बल को आईजी ने पुरस्कृत किया और सभी के बेहतर भविष्य व सफलता की कामना की। बीएसएपी-3 के कमांडेंट सह गया के सिटी एसपी राकेश कुमार ने पारण परेड में शामिल महिला बल को सच्चाई और शिष्टाचार के साथ कुशल व्यवहार करने की शपथ दिलायी। अब सभी अपने-अपने जिला बल में सेवा दी। इसमें गया जिला बल की 367, पटना जिला बल की 498, अरवल जिला बल की 64, बक्सर जिला बल की 97, नवादा जिला बल की 75, जहानाबाद जिला बल की 100 व रेल मुजफ्फरपुर बल्कि 43 महिला जवान है।

अपने-अपने जिला बल में देगी सेवा

बीएसएपी-3 में सूबे के अलग-अलग सात जिलों के 1244 महिला बल का 9 अगस्त 2021 से 20 जून 2022 तक कुल 216 दिनों का प्रशिक्षण चला। इसके बाद सभी का लिखित परीक्षा लिया गया। दीक्षांत समारोह संपन्न होते ही अब सभी अपने-अपने जिला बल में सेवा दी। इसमें गया जिला बल की 367, पटना जिला बल की 498, अरवल जिला बल की 64, बक्सर जिला बल की 97, नवादा जिला बल की 75, जहानाबाद जिला बल की 100 व रेल मुजफ्फरपुर बल्कि 43 महिला जवान है। बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रथम कंपनी कमांडर गया जिला बल की राधा कुमारी व द्वितीय परेड कमांडर पटना जिला बल की सरस्वती कुमार को आईजी ने शील्ड देकर पुरस्कृत किया।

प्रशिक्षण में विभिन्न पाठ्यक्रम रहा शामिल

प्रशिक्षण अवधि में वर्तमान चुनौतियों से संबंधित महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को शामिल रहा। जिसमें वृहद अधिनियम, आधुनिक भारत में पुलिस की भूमिका एवं पुलिस संगठन, लघु अधिनियम, सूचना प्रौद्योगिकी मॉड्यूल, पुलिस संचार एवं आधुनिक उपकरणों का प्रयोग, अनुसंधान, सुरक्षा संबंधी कर्तव्य व यातायात प्रबंधन विषय का सभी को प्रशिक्षकों द्वारा विस्तृत जानकारी दी गयी।

बेटियों की सफलता पर भावुक दिखे परिवार के लोग

एक ओर जहां महिला सिपाही पासिंग आउट परेड के बाद अपनी सफलता खुशी से झूम रही थीं तो वहीं दूसरी ओर ग्राउंड में मौजूद परिजनों का चेहरा भावुक दिखा। कुछ ऐसी भी महिला सिपाही दिखी जो अपने माता-पिता को भावुक देख अपनी खुशी के आंसू नहीं रोक सकी। रेल मुजफ्फरपुर बल की पास आउट हुई महिला सिपाही पूजा देवी ने कहा कि पुलिस बनकर समाज की सेवा का मुझे अवसर मिला है यह मेरे लिए काफी खुशी की बात है।

ये रहे मौजूद

2 आउट परेड के मौके पर गया की एसएसपी हरप्रीत कौर, बीएसएपी-3 के डिप्टी कमांडेंट सागर कुमार, डीएसपी (प्रशिक्षण) पूनम कुमारी, हरेन्द्र शर्मा, इंस्पेक्टर भूषण तिग्गा, रक्षित पदाधिकारी तुफैल खां, रणधीर सिंह, लेखापाल विजय कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

 

 

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Author: Bakwas News

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