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गोड़ारी में सावित्री बाई फूले की मनाई गई जयंती

काराकाट प्रखंड मुख्यालय गोडारी में सावित्रीबाई फूले की 193वीं जयंती मनाई गई। जयंती समारोह की अध्यक्षता श्रीभगवान सिंह तथा मंच संचालन तुलसी सिंह ने किया। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी जीवनी की चर्चा की।वक्ताओं ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ने इस देश में बालिकाओं के लिए पहला विद्यालय खोली और लड़कियों को शिक्षित करने का सफल प्रयास किया। वह एक महान समाज सेविका थी और देश को पहली महिला शिक्षिका भी थी। उन्होंने रूढ़िवादी समाज का विरोध कर बालिकाओं के लिए महाराष्ट्र प्रांत में 18 बालिका महाविद्यालय खोलकर लड़कियों के लिए शिक्षा प्राप्त करने का दरवाजा हमेशा के लिए खोल दी। जो हमेशा से बंद था। देश की सभी महिलाएं जो आज पढ़ लिखकर देश और समाज के उन्नति में अपना अहम योगदान दे रही है उन्हें सावित्रीबाई फुले की ऋणी होनी चाहिए। सावित्रीबाई फुले जब बच्चियों को पढ़ने जाती थी तो विरोध में उनके ऊपर गोबर और कीचड़ फेंके जाते थे। सावित्रीबाई फुले गोबर और कीचड़ को फूल समझकर स्वीकार कर लेती थी, क्योंकि उनका मानना था कि समाज के शिक्षित करना अच्छा काम है और अच्छे काम में बधाएं आती ही है। वह एक महान शिक्षिका समाज सेविका राष्ट्र निर्माण पथ प्रदर्शक और नेत्री भी थी। कार्यक्रम को संजय सिंह, अरविंद चक्रवर्ती, काशीनाथ गौतम, सौरभ कांत, सागर, उमेश शर्मा, दिवाकर पटेल, नंदलाल बौद्ध, विशाल कुशवाहा, मुन्ना सिंह, प्रोफेसर जमुना सिंह, नंदा पासवान, सुनील राम सहित कई लोग उपस्थित थे।

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