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आमस में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने रैयतों से की बात, मुआवजा दिलाने का दिया आश्वासन

आमस, गया जमीन संबंधित लंबित मामलों का शीघ्र करें निपटारा-डॉ. त्यागराजन एसएम
गया जिले के आमस प्रखंड को दरभंगा से जोड़नेवाली भारतमाला एक्सप्रेस वे निर्माण में आ रही अड़चन दूर करने को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम आमस के गंगटी मोड़ पहुंच रैयतों से बात की। जमीन के मुआवजा संबंधित सभी समस्याओं को दूर करने के लिए रैयतों से बीस दिसंबर तक का समय मांगा है। कहा इस अंतराल में आपकी समस्याएं दूर हो जाएगी। रैयतों को मुआवजा मिलने के बाद ही निमार्ण कार्य शुरू कराने का निर्देश एजेंसी को दिया है। रैयतों ने आरोप लगाया कि बिना मुआवजा मिले निर्माण कंपनी उनकी जमीन पर जबरन रोड बनाना चाहती है।
सड़क का किाया निरीक्षण
डीएम डॉ. त्यागराजन स्थानीय अधिकारी, परियोजना प्रोजेक्ट डायरेक्टर व अभियंताओं के साथ भारतमाला परियोजना द्वारा निर्माण कराई जा रही गंगटी से गुरारु तक सड़क का निरीक्षण किया। मथुरापुर स्थित बेस कैंप में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर परियोजना को तेज गति से पूर्ण कराने का आदेश दिया। डीएम ने बताया कि गया में 55 किलोमीटर भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत सड़क बनाई जा रही है। जमीन संबंधित कुछ मामले लंबित हैं। इसमें तेजी लाने का निर्देश अधिकारियों को दी गई है। कहा आमस के गंगटी, धरमपुर व गुरुआ के काज मौजा में रैयतीकरण संबंधित मामले हैं। इसे जल्द निपटारा करने का निर्देश संबंधित अधिकारी-कर्मियों को दी गई है।
चक संबंधित मामले को जल्द निपटारे का निर्देश
डीएम ने परैया के मुबारकपुर व गुरारु के एक मौजा में चक संबंधित मामले लंबित रहने पर अपर समाहर्ता राजस्व व जिला भू अर्जन पदाधिकारी व सीओ को फटकार लगाते हुए तेजी से समिक्षा व जांच करते हुए निराकरण करने को कहा है। साथ ही रैयतों को बिना परेशानी मुआवजे की राशि मुहैया कराने का निर्देश दिया है। मौजा संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निपटारा करने को भी कहा है। वहीं भारतमाला परियोजना के कार्यकारी एजेंसी को स्थानीय प्रशासन से समंवय रखते हुए निर्माण कार्य जल्द पूरा करने को कहा है। उन्होंने बताया कि आमस से दरभंगा को जोड़नेवाली 210 किमी. इस सड़क के बन जाने से लोगों के लिए सहुलियत बढ़ जाएगी। दो से ढ़ाई घंटे में इस दूरी को तय किया जा सकेगा।
गुस्से में दिखे रैयत, काम में लगी मशीन को हटाया
गंगटी के इंद्रदेव यादव, राजेन्द्र यादव, मनोज यादव, राजेश यादव, कामेश्वर यादव, रामबिलास यादव, कामता यादव, माधो यादव आदि रैयतों ने बताया कि जिस जमीन पर बाप-दादा से दखल कब्जा है। हर वर्ष लगान भरते आ रहे हैं। एलपीसी बनवा कर पूर्व में सरकारी लाभ ले चुके हैं उसे सरकारी भूमि बताया जा रहा है। जिसे निजीकरण करवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगा कर थक चुके हैं। अधिकारियों की ओर से आज-कल किया जा रहा है। जबकि एजेंसी उनकी जमीन पर जबरन रोड बनाना चाह रही है। कहा चाहे जान चली जाए, लेकिन मुआवजा मिले बिना रोड नहीं बनने देंगे। जमीन पर एजेंसी द्वारा मशीन चलाए जाने की जानकारी मिलते ही दर्जनों की संख्या में पहुंच हंगामा करने लगे। उन्हें गुस्से में देख डीएलओ ने कार्य में लगी जेसीबी व पोकलेन मशीन को हटवा लिया। मुआवजा नहीं मिलने से रैयत बेहद गुस्से में थे।
मौके पर डीएलओ रविन्द्र राम, शेरघाटी एसडीओ सारा असरफ, सीओ अरशद मदनी, गुरुआ सीओ अतहर जमील, मुखिया मनोज यादव, रविन्द्र शर्मा, सुनील कुमार, भूअर्जन अमीन जगदेव यादव, राजस्व कर्मचारी उपेन्द्र कुमार, भारतमाला परियोजना अमीन मुस्ताक, सुनील कुमार मिश्रा, एनएचएआई कर्मी सोनलमणी त्रिपाठी, उपेन्द्र दास आदि रहे।

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