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बिहार भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक है – प्रदेश प्रभारी

अरवल।  जिला कांग्रेस मुख्यालय श्रीकृष्ण आश्रम अरवल में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी डॉ रामायण प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक है। राज्य के प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए ताकि वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बिहार में औद्योगिक विकास बहुत कम है निवेश की कमी, बिजली की कमी और बुनियादी ढांचे की कमजोरी के कारण यहां उद्योग धंधे पनप नहीं पाया है विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्र सरकार से अधिक अनुदान और कर में छूट मिल सकती है।

जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। विशेष राज्य के दर्जा मिलने पर केंद्र द्वारा मिले धन का 90 प्रतिशत अनुदान में जाता है सिर्फ 10 प्रतिशत की राशि ब्याज रहित वापस करना होता है, बिहार हर साल बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन शैली पर बहुत असर पड़ता है, विशेष राज्य का दर्जा मिलने से आपदा प्रबंधन के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे, स्वास्थ्य शिक्षा और जीवन स्तर के मामले में मानव विकास सूचकांक कम है, विशेष राज्य का दर्जा मिलने से क्षेत्र में विकास के लिए केंद्र से अतिरिक्त सहायता मिल सकती है।

 

जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है जिससे संसाधनों पर दबाव बढ़ता है विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर जनसंख्या घनत्व के हिसाब से विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी जा सकेगी अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है लेकिन कृषि में भी राज्य पिछड़ा हुआ है विशेष राज्य का दर्जा मिलने से कृषि सुधार और किसानों को वित्तीय सहायता के लिए केंद्र से अतिरिक्त सहायता मिल सकती है राज्य सरकार के पास सीमित वित्तीय संसाधन है जिससे वह बड़े विकास कार्य नहीं कर पा रही है।

 

जिला कोषाध्यक्ष निसार अख्तर अंसारी ने संबोधित करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से राज्य को अधिक बितिय सहायता मिलेगी जिससे विकास कार्य को गति मिलेगी विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी, राजनीतिक नेतृत्व इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का पर्याप्त दबाव नहीं बनाया गया है।केंद्र सरकार पर बिहार सही से दबाव नहीं बना पा रही है, केंद्र सरकार की प्राथमिकता बिहार की अपेक्षा अन्य राज्यों की ओर से ज्यादा है जिसके कारण बिहार को दरकिनार किया जा रहा है, राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन में कई कमियां रही है जिसके कारण विकास कार्यों के लिए केंद्र से मिलने वाले फंड का सही उपयोग नहीं हो पाता है, इससे केंद्र सरकार के सामने बिहार की स्थिति को सही तरीके से पेश नहीं किया जा सका है।

 

बिहार के नागरिकों के इस मुद्दे पर जागरूकता की कमी है यदि जनता इस मुद्दे पर अधिक जागरूक और संगठित होकर केंद्र सरकार पर विशेष राज्य का दर्जा के लिए दबाव अधिक हो सकता है वर्तमान सरकार बिहार के विकास के लिए सजक नहीं है जिससे कई योजनाएं हैं साजिशों का शिकार हो गई है।बिहार कांग्रेस अब बिहार को बिशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए क्रमबद्ध आंदोलन करने जा रही है।

 

इसी के तहत आज प्रेस कांफ्रेंस और कल व परसों प्रखंड मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. फिर जिला मुख्यालय में और अंत में राज्य की राजधानी में बिशाल प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर उपाध्यक्ष कामेश्वर शर्मा, प्रवक्ता मो जावेद अख्तर, संजय कुमार सिंहा, रविशंकर कुमार, बेंकटेश शर्मा, सेजाम खान, भी उपस्थित थे।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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