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लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य

अरवल । चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को छठव्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया। डूबते हुए भगवान सूर्य की पूजा अर्चना कर उन्हें अर्घ्य देकर परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की गयी ।

 

इस दौरान अरवल जिले के ऐतिहासिक मधुश्रवां छठ घाट, किंजर पुनपुन नदी छठ घाट, पंतित छठ घाट ,मोथा छठ घाट, भदासी छठ घाट , बेलाव सोन नदी , लोदीपुर सूर्य मंदिर छठ घाट के अलावे जिले के विभिन्न छठ घाटों पर लोक आस्था और सू्र्य उपासना के पर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को पहला अर्घ्य दिया गया ।

 

मधुश्रवां छठ घाट पर छठव्रतियो कि सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। शाम के समय डूबते भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया | चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सोमवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए।

 

जिले के विभिन्न छठ घाटों पर सुरक्षा का ख्याल से मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिसकर्मी मौजूद थे। इधर लोदीपुर सूर्य मंदिर छठ घाट पर मैनपुरा पंचायत के मुखिया अशोक कुमार शर्मा के द्वारा छठव्रतियोे लिए विशेष रूप से व्यवस्था किया गया था। श्रद्धालु भक्तों के लिए फल ,चाय एवं अन्य तरह की व्यवस्था मुखिया अशोक कुमार शर्मा के द्वारा किया गया था। कल सोमवार को छठव्रती उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे। कल सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठव्रती प्रसाद ग्रहण करेंगे। प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही उनके 36 घंटे का निर्जला उपवास सम्पन्न हो जाएगा। चार दिवसीय चैती छठ महापर्व की शुरुआत शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ हुआ था। जिसके अगले दिन शनिवार को खरना पूजा किया गया। छठ व्रतियों ने भक्तिमयी माहौल में खरना का प्रसाद ग्रहण किया। गुड़, चावल और दूध से तैयार खीर के साथ रोटी के प्रसाद का भोग बड़े ही श्रद्धाभाव से चढ़ाया गया। जिसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हुआ। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य और सोमवार को उदायीमान सूर्य को अर्घ्य देने का साथ महापर्व छठ का समापन हो गया।

 

ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। साथ ही ये व्रत संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में दिक्कतें आ रही हैं वो छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति कर सकते हैं। इसके साथ ही छठ पूजा में सूर्य देव की भी पूजा का विधान है जिनकी कृपा से व्यक्ति को करियर और कारोबार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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