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सत्य, दया, करुणा धर्म और मर्यादा के प्रतिक थे भगवान राम

अरवल। करपी प्रखंड मुख्यालय स्थित पोखर पर शुक्रवार को श्रीराम संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों ने कहा कि भगवान श्रीराम के गुणों को आज के युवा अपने जीवन में समावेश करें। भगवान राम सत्य, दया,करुणा, धर्म और मर्यादा के प्रतिक थे।

 

इस मौके पर करपी बाजार निवासी सुशील कुमार ने कहा कि एक व्यक्ति के अंदर सभी मानवीय गुना का समावेश के रूप में भगवान पुरुषोत्तम राम हमेशा आदर्श के प्रतीक बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि समाज की उपेक्षा के कारण ऋषि की पत्नी अहिल्या पत्थर के समान हो गई थी। उन्हें श्री राम ने माता कहकर संबोधित करते हुए चरण स्पर्श किया था। भगवान राम के स्पर्श मात्र से ऋषि पत्नी अहिल्या फिर से चेतन स्वरूप में आ गई थी। यह प्रसंग युवाओं को यह सिखाता है कि समाज से तिरस्कृत किए गए‌ लोगों के गुनाह जाने बिना निंदा का पात्र नहीं समझे। कभी-कभी जाने अनजाने में अच्छे लोग से भी लोग नफरत करने लगते हैं। इस दौरान लोहा बिंद ने कहा की भगवान राम सबके आदर्श हैं। इस दौरान समाजसेवी डॉ ज्योति प्रसाद उर्फ शत्रुघन पंडित ने कहा कि व्यक्ति अपने गुणों और कर्मों से ही पहचान बनाता है। भगवान राम भी अपने स्वभाव, गुणों और कर्मों के कारण मर्दाया पुरुषोत्तम कहलाए। इस मौके पर राजकुमार, सुनील पंडित, राजेश बिंद, दिनेश बिंद, छोटे बिंद, परमेश्वर बिंद आदि लोग उपस्थित थे।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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