अरवल । मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में सबसे महत्वआकांक्षी योजना नल जल धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है। पहले पंचायती राज विभाग द्वारा जिले के सभी पंचायत में सभी वार्डों में जल मीनार और जमीन में खुदाई कर पाइप लाइन बिछाई गई और घर-घर नल जल योजना का नल लगाया गया था।प्रति योजना में 15 से 20 लख रुपए खर्च किया गया था लेकिन नल जल योजना का लाभ आम लोगों को 5 साल बीतने के बाद भी नहीं मिला।
पंचायती राज विभाग के द्वारा जब लाख प्रयास के बावजूद भी आम लोगों को जल आपूर्ति नहीं मिली तो इस योजना को पीएचईडी विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया। पीएचईडी के आंकड़े अनुसार 584 नल जल योजना को चलाने के लिए पंचायती राज विभाग से मिला है जिसमें 296 नल जल योजना मृतप्राय था।इसमें कोई भी उपकरण काम में लाने लायक नहीं था। 292 नल जल योजना चालू हालत में थे। 129 इकाई में मोटर स्टार्टर और पाइप में थोड़ा खराबी था। 167 नल जल में मोटर, पाइप, बोरिंग सहित कई चीजे ज्यादा खराब थी। कम खराबी वाले 71 नल जल इकाई को पीएचईडी ने मरमती कर चालू कर दिया है।सभी चालू नल जल योजना में नियमित जल आपूर्ति के लिए वार्ड क्रियावयन समिति के द्वारा संचालक का प्रतिनियुक्ति की गई है।
घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने के कारण मरम्मती में हो रही परेशानी
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने बताया कि नल जल योजना के निर्माण में पाइप, मोटर, स्टार्टर सहित सभी उपकरण घटिया किस्म का लगाया गया है। जमीन के अंदर डाला गया पाइप घटिया होने के कारण सड़ गया है। मोटर और स्टाटर भी मरम्मती लायक नहीं है।
जिस कारण 6 माह पहले पंचायती राज विभाग से मिले नल जल योजनाओं चालू करने में परेशानी हो रही है। जब तक पूरा पाइप को उखाड़ कर मरम्मती नहीं किया जाएगा तब तक नल जल व्यवस्थित रूप से चालू नहीं होगा। विभाग को प्राक्कलन बनाकर भेजा जा रहा है बंद पड़े सभी योजनाओं को फिर से चालू करने में प्रति योजना 10 लाख से ज्यादा का खर्च आएगा। घटिया निर्माण होने के कारण चालू योजनाओं में भी पाइप फटने की समस्या प्रतिदिन आ रही है किसी तरह मरम्मती कर पानी आम लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है