अरवल । कार्तिक पूर्णिमा को लेकर जिले क्षेत्र में काफी उत्साह कायम रहा इस दौरान लोगों ने गंगा स्नान करने के लिए विभिन्न माध्यमों से जिले के बाहर भी प्रस्थान किया जबकि स्थानीय स्तर पर सोन नदी पुनपुन नदी के अलावे नदी तालाबों में आस्था की डुबकी लगाई वेद पुराणों में कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का बङा महत्व बताया गया है।
क्षेत्रिय लोग पुनपुन सोन व आसपास के तालाबों आहर पोखर आदि में मां गंगा का आवाहन कर विधि विधान पूर्वक स्नान किया इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन आज होने का भी विशेष महत्व बताया गया।
जिले क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थल महर्षि च्यवन ऋषि की जन्मस्थली मधुश्रवा औरंगाबाद अरवल सीमा पर स्थित देवकुंड अवस्थित तालाब में आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भोलेनाथ की जलाभिषेक कर पूजा आराधना किया आदि काल से ही मधुश्रवा देवकुंड का विशेष महत्व ग्रंथो में भी वर्णित है।
मान्यता के तहत मधुश्रवा देवकुंड में सहस्त्र धाराओं से युक्त तालाब में लोग सुबह से ही हजारों की संख्या में स्नान के उपरांत भगवान शंकर का दर्शन करते हुए देखे गए।
पुरुषों महिलाओं के द्वारा लगाये जा रहे हर हर महादेव के नारों से वातावरण गूंजायमान हो रहा था। तालाब में स्नान की उपरांत फूल अक्षत बेलपत्र रोङी इत्यादि पूजा सामग्री लेकर भगवान शंकर की पूजा अर्चना करते दिखे। कार्तिक महीने में स्नान के लिए पटना गंगा नदी में भी जिले क्षेत्र से काफी लोग प्रस्थान किए हैं।