बिहार सरकार एक तरफ उर्दू को तरक्की के लिए प्रचार-प्रसार करती है और बिहार सरकार प्रति वर्ष लाखों रुपया खर्च करती है । बिहार में उर्दू को बिहार में द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया है।
जिला पदाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह ने जिला के सभी विभाग एवं पदाधिकारी को उर्दू में नाम लिखने का आदेश दिया है । इसके बावजूद भी अरवल जिला जनसंपर्क विभाग में उर्दू अखबार नहीं लिया जा रहा है। उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।