बलिया। खतरा विन्दु के करीब पहुंच चुकी गंगा नदी मे रविवार देर शाम से घटाव शुरू हो गया। वहीं अनवरत घटाव के बाद घाघरा भी तुर्तीपार गेज पर लाल निशान से नीचे आ गयी है। प्रमुख दोनों नदियों मे घटाव व खतरा विन्दु से नीचे आ जाने के बाद संभावित बाढ़ का खतरा टल गया है।
गायघाट गेज पर शाम चार बजे नदी का जल स्तर 57.150 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां खतरा विन्दु 57.615 मीटर है। करीब 30 घंटे से भी अधिक के ठहराव के बाद रविवार शाम से घटाव शुरू हो गया। हालांकि नदी मे फिलहाल धीमी गयी से घटाव हो रहा है किन्तु जल्द ही घटाव की रफ्तार मे तेजी आने की संभावना जतायी गयी है। उधर तुर्ती पार गेज पर शाम चार बजे नदी का जल स्तर 63.920 मीटर रिकार्ड किया गया। पिछले चार दिनों से हो रहे अनवरत घटाव के बाद भी यहां नदी खतरा विन्दु 64.010 मीटर से मात्र 9 सेमी नीचे आ पायी है। पिछले आठ घंटो के बीच गंगा मे चार तो घाघरा मे मात्र एक सेमी का ही घटाव हुआ है। इससे ग्रामीणों के बीच भय बना हुआ है। आयोग के अनुसार नदियों पर पानी का ऊपरी दबाव न होने व घटाव के बाद इनके खतरा विन्दु के नीचे आ जाने के बाद अब बाढ़ का खतरा भी टल गया है। इससे दोनों नदियों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग राहत महसूस कर रहे है। हालांकि इनकी उतरती लहरो से कटान का खतरा और बढ़ गया है। इससे कटान पीड़ितों को अब भी सकून नही है। गांव के नरेन्द्र डूबे, अमित कुमार आदि ने बताया कि घटाव के बाद नदियों का पानी पेटे मे जाने के बाद नदी सोहरा कटान कटान के रूप मे कहर जरूर बरपाती जो बढ़ाव से भी तीब्र होता है। उधर पूर्व मे धराशयी कटान रोधी बचाव कार्य भी लोगो की चिंताए बढ़ा रही है।