बलिया। जिले में गंगा के जलस्तर बढ़ाव क्रम अनवरत जारी है। चेतावनी बिन्दु पार कर नदी गायघाट पर लाल निशान छूने आतुर दिख रही है। बढ़ाव का क्रम इसी बना रहा तो दियारे की फसलों को बरबाद कर चुकी नदी जल्द ही आबादी मे घुस कहर बरपाना शुरू कर देगी।
गायघाट गेज पर शुक्रवार शाम चार बजे नदी का जल स्तर 57.370 मीटर दर्ज किया गया। यहा नदी खतरा बिन्दु 57.615 मीटर से मात्र 24 सेमी नीचे बह रही है। नदी मे 2 सेमी प्रति घन्टे का बढ़ाव बना हुआ है। बैकरोलिंग कर रही नदी की लहरें सुघरछपरा से दूबेछपरा व मौजा गोपालपुर मे कटान के रूप मे कहर बरपा रही है। किनारे से सटे खेत तेजी से नदी मे समाहित हो रहे है।अपने कृषि योग्य भूमि को नदी मे समाते देख प्रभावित किसानों के होश उड़े हुये है। उधर नदी की लहरों का दबाव बचाव को किये गये कटान रोधी कार्यो पर दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को गोपालपुर के पास किये गये 9 करोड़ 10 लाख 75 हजार की परियोजना के तहत का रिवेटमेन्ट कार्य दरक कर नीचे खिसकने लगा है। इससे ग्रामीणों मे अफरा-तफरी का माहौल है। वहीं नदी उस पार नौरंगा के लोगों मे भी नदी की रफ्तार देख दहशत मची है। पिछले तीन वर्षों से नदी की लहरें पंचायत के बंधे से टकरा रही है। हालांकि वर्ष 2019 मे विभाग यहा करीब 10 लाख की लागत से पर्क्यूपाइन विधि से बचाव कार्य कराया है। गांव के राजमंगल ठाकुर, अक्षय चौबे, विनोद ठाकुर आदि ने बताया कि इन तीन वर्षों के बीच नदी की लहरों से पूर्व मे कराया गया कार्य दम तोड़ चुका हैं।
सोनार टोला के पास का बचाव कार्य धराशायी
रामगढ़ के सोनार टोला रामगढ़ के पास का कटान रोधी कार्य के एक बड़ा भाग शुक्रवार को नदी के बैग मे धराशायी हो गया। पप्पू गुप्ता, रिंकु गुप्ता, पंकज सोनी आदि ने आरोप लगाया कि कार्य मे शुरू से ही जमकर अनियमितता बरती गयी। इसकी शिकायत विभाग के एसडीओ से अनेकों बार की गयी। किन्तु संज्ञान नही लिया गया। जिसका खामियाजा हम ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।