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मानसून की बेरुखी से सहमे किसान, बलिया में 30 प्रतिशत ही हुई धान की रोपाई

इस वर्ष मानसून की बेरुखी ने सारे जानकारों और मौसविदों के पूर्वानुमानों को ध्वस्त कर दिया है।विगत जून महीने से ही लगातार मौसमविदों ने भविष्यवाणी करनी शुरू कर दी कि इस बार मानसून अपने निर्धारित समय से पूर्व पहुंचेगा और 100%बारिश होगी । मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी को सुनकर किसानों के मन मयूर नाचने लगे।किसानों ने अच्छी मानसून की आवग देखकर खरीफ की फसल धान की तैयारी में जुट गए। किसानों ने ताबड़तोड़ धान की नर्सरी (बेहन) लगा दी । किसान नर्सरी लगाकर मानसून आने की प्रतीक्षा करने लगे दिन ,सप्ताह और माह,और नक्षत्रे बीत गये लेकिन मानसून का दूर दूर तक कोई अतापता नही है।

मानसून की इस बेरुखी से किसान सहमे हुए हैं उन्हें समझ मे नही आ रहा है कि क्या किया जाए ? अगर हम पूरे पंदह ब्लॉक की बात करे तो अवर्षण के कारण अभी तक मात्र 20-30% ही धान की रोपाई हो पाई है। अब जबकि धान की नर्सरी रोपाई के लिए बिल्कुल तैयार हो कर खराब हो रही है। कई ऐसी प्रजातियों की नर्सरी है जो अगर समय रहते इनकी रोपाई नही हुई तो इनकी पैदावार नही के बराबर हो जाएगी ।

किसानों का कहना है कि जिस तरह से मौसम का रुख है इसे देखकर तो यही लगता है कि बारिश के अभी दूर दूर तक कोई आसार नहीं नजर आ रहें हैं। इन किसानों की माने तो आज भले ही विज्ञान अपने को काफी आगे बता रहा है लेकिन पहले जमाने के कृषि एवं मौसमविद घाघ कवि की कहवाते एकदम सटीक बैठती हैं । आज जो मौसम का रुख है इसके संबंध में घाघ कवि ने कहा है कि -“दिन में बदर रात निबदर पुरुआ बहे झब्बर झब्बर ,घाघ कहे कुछ अनहोनी होई कुँआ खोदके धोबी धोइ ।।” अर्थात दिन में बदली और रात में आसमान का साफ होना साथ ही पुरवइया हवा का तेज बहना यह संकेत है कि बारिश नही होगी और ताल तलैया सब सूखे रहेंगे । कुँआ खोदकर धोबी लोगो को कपड़ा धोना पड़ेगा ।घाघ कवि की ये पंक्तियां आज एक दम सटीक बैठ रही हैं यही कारण है कि किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं ।

मानसून के बेरुखी के साथ साथ नहर व बिजली ने भी मुंह मोड़ा

एकतरफ जहाँ किसान मानसून के रूठने से काफी परेशान हैं ।वही किसानों के लिए बिजली और नहरे कोढ़ में खाज बनी हुई हैं ।धान की नर्सरी तैयार होने के बाद मानसून के न आने के बावजूद भी किसान उसके आने केआश नही छोड़े हैं और उसी आस में निजी संसाधनों से पानी की कमी दूर करने का प्रयास कर रहें है । महंगे डीजल पम्पसेट को चलाकर किसान खेतो में पलेवा लगाकर धान की रोपाई करा रहे हैं।इस आस में कि आज नही तो कल हो सकता है मानसून हम पर प्रसन्न हो जाये और हमारी खरीफ की फसल धान की पैदावार अच्छी हो जाये ।

परंतु दूसरी तरफ सरकार के तरफ सर उपलब्ध कराए जाने वाले संसाधनों के लगातार दगा देने के कारण किसानों की हालत और खस्ता हो गई है। आज कोई भी नहर अपने मानक के अनुरूप नही चल रही है । प्रायः हर नहरो में गेज से नीचे पानी या सप्ताह में एक या दो दिन ही पानी किसानों को मिल रहा है जिससे किसानों की बात बनने वाली नही है। यही हाल बिजली का है सप्ताह में अक्सर तीन दिन बिजली गायब रहती है या 24 घंटे में 6- 7 घंटे ही मिल पाती है जो मिलती भी है । वो भी है उसमें लगातार ट्रिपिंग या लो बोल्टेज की समस्या बनी रहती है । जिससे किसानों के बिजली चलित पम्पसेट नही चल पाते और किसान बेचारा बिजली विभाग और सरकार को कोस कर चुप हो जाता है । किसानों का कहना है कि अगर मानसून नही भी आया है लेकिन अगर नहरो में पानी और बिजली समय से उपलब्ध रहते तो हमारी परेशानियां काफी हद तक कम हो सकती थी ।

पानी के आभाव में रोपे गए धान के खेतों में पड़े दरार

जिन किसानों की धान की नर्सरी तैयार हो चुकी हैं वो येन केन रूप से उनकी रोपाई तो कर रहें हैं लेकिन बारिश न होने और जमीन के अंदर जलस्तर के नीचे चले जाने के कारण खेतो की नमी तुरंत चटक जा रही है ।जिसके कारण खेतो में लंबे लंबे दरार पड़ जा रहे हैं । ऊपर से तेज धूप और गर्मी के चलते धान की नवजात फसल झुलसने लग जा रही है । नहरो में पानी और बिजली का आभाव भी खेतो की नमी गायब करने में बड़ा योगदान कर रहा है । अगर नहरो में पानी तथा बिजली होते तो किसान रोपे गए धान की आराम से सिंचाई कर लेते।

अब जिले को सुखा ग्रस्त घोषित करने की मांग शुरू बलिया। लगातार अवर्षण की स्थिति एवं मानसून की बेरुखी के साथ साथ मात्र 20 से 30 प्रतिशत तक धान की रोपाई को देखते हुए अब लोगो के जेहन में सूखे की आशंका उत्पन्न हो गई है। धीरे धीरे ही सही लेकिन किसानों से लगायत बुद्धिजीवी वर्गों तथा राजनैतिक दलों के नेताओ द्वारा बलिया को सूखाग्रस्त घोषित करने की माँग उठने लगी है साथ ही किसानों को आर्थिक सहायता के साथ साथ कृषि ऋण माफी एवं वसूली रोकने की भी मांग होने लगी है। किसानों सहित अनेको लोगो ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग की है।

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Author: Bakwas News

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