आमस (गया) धर्मेन्द्र कुमार सिंह
कमरे के अभाव में गया जिले के आमस प्रखंड के महुआवां उत्क्रमित प्लस टू स्कूल के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। महज सात कमरों में पहली से 12वीं तक के नामांकित 826 बच्चों को बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। एक कमरे में सौ से अधिक बच्चों को बढ़ाकर शिक्षकों को पढ़ाना पड़ता है। 70 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति होने पर कुछ बच्चों को वर्ग से बाहर बैठाना पड़ता है। जिस वजह पढ़ाने में शिक्षकों को भी परेशानी हो रही है। बच्चे आधुनिक शिक्षा व विषयवार पढ़ाई से दूर हैं। यहां 23 शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षक राजीव रंजन बताते हैं कि कमरे के अभाव में एक साथ सभी वर्गों के बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो गया है। कम्प्यूटर शिक्षा शुरू करनी है, लेकिन कमरे नहीं होने के कारण सेट लगाने में परेशानी आ रही है। यहां आधुनिक शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ रही है। खेल मैदान नहीं होने के कारण बच्चों का खेल प्रतिभा कूंद हो रही है।
इस स्कूल में भवनहीन प्राणपुर प्राइमरी स्कूल करीब तीन सालों से शिफ्ट है। एक कमरे में इसके बच्चे बैठ कर पढ़ते हैं। प्रधानाध्यापक जाहिद नसीम ने बताया कि हर दिन बच्चों की उपस्थिति 70 प्रतिशत से अधिक रहती है। प्रार्थना कराने के लिए भी सोचना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों को आवेदन देकर कई बार अवगत कराया गया है और भवन की मांग की गई है। प्रधानाध्यापक जाहिद नसीम के प्रभार संभालने के बाद से स्कूल की व्यवस्था काफी सुदृढ हो गई है। बच्चों की बेहतर उपस्थिति व अच्छी पढ़ाई के लिए यह स्कूल जिले भर में चर्चित है।