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उचित मुआवजा नहीं मिलने से गुस्से में हैं आमस के रैयत, लटका है जीटी रोड चौड़ीकरण का काम

आमस (गया)         धर्मेन्द्र कुमार सिंह

जीटी रोड चौड़ीकीरण में जा रही जमीन के बदले उचित मुआवजा नहीं मिलने के कारण गया जिले के आमस प्रखंड के रैयतों में आक्रोश है। स्थानीय व वरीय अधिकारियों के साथ हुई कई बैठकों के बाद भी उचित मुआवजे की राशि नहीं मिलने की शिकायत कमीशनरी ऑफिस में दी है। गोपाल यादव, राजेश्वर लाल, प्रभात कुमार, नरेश यादव, अशोक अग्रवाल आदि रैयतों ने बताया कि जीटी रोड के किनारे जिस भूखंड पर दादा-परदादा के समय से कब्जा है। सालों से मकान-दुकान बना हुआ है। सभी जरूरी कागजात के साथ हर वर्ष लगान भरते आ रहे हैं, उसे धनहर व भीठ कर दिया गया। जिस वजह मुआवजा बहुत कम मिल रहा है। जबकि मकान-दुकान टूटने के बाद उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। दूसरी जगह जमीन खरीदने के लिए मोटी रकम की जरूरत पड़ेगी। जबकि मुआवजे के रूप में सरकार द्वारा धनहर व भीठ का दिया जा रहा है। जबकि पड़ोसी ब्लॉक मदनपुर व शेरघाटी के रैयतों को व्यवसायी का मुआवजा मिल चुका है। कहा इस दोयम दर्जे से उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी है। इधर रैयतों के इस अड़चन की वजह आमस में जीटी रोड चौड़ीकरण का काम सालों से ठप पड़ा हुआ है। अधिकारियों को यहां रैयतों से भूमि अधिग्रहण में ही पसीने छूट रहे हैं।

आमस के 35 गांवों के रैयतों की जा रही जमीन
आमस प्रखंड के हमजापुर, मोलनाचक, अकौना, अलहुआचक, राजपुर, करमाईन, सिहुली, बनकट, सुग्गी, करमडीह, शमशेरखाप, सलैया, सांव, पिंडरी, खैराखूर्द, महापुर, सिमरी, मंझौलिया, जसपुर, नवडीहा, बुधौल समेत कुल 35 गांवों के सैकड़ों रैयतों के हजारों एकड़ जमीन जीटी रोड चौड़ीकरण में जा रही है। चौड़ीकरण में मकान-दुकानों के टूट जाने से एक सौ साल से भी पुराना बाजार चंडीस्थान, बुधौल, हमजापुर, मोलनाचक, महापुर आदि का अस्तीत्व मिट जाएगी। रोड निर्माण कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि रैयतों से भूमि अधिग्रहण के काम पूरा होने के बाद ही यहां निर्माण का काम शुरू हो सकेगा।

क्या कहते हैं व्यवसायी

जिस भूखंड पर सालों से मकान बना कर रह रहे हैं और दुकान चला रहे हैं उसे धनहर व भीठ घोषित कर दिया गया है। जिस वजह मुआवजे की राशि बहुत कम मिल रही है। जबकि दूसरी जगह जमीन खरीद कर घर बनाने व व्यवसाय खड़ा करने के लिए मोटी रकम की जरूरत पड़ेगी। इस ओर सरकार व अधिकारियों को गंभीरता से सोचने की जरूरत है। शेखर चौरसिया व्यवसायी चंडीस्थान आमस

जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलता है जमीन अधिग्रहण नहीं होने देंगे। जो भूखंड चौड़ीकरण में जा रहा है वह जीविका का एकमात्रा साधन है। सरकार व अधिकारियों को उनकी मांग पर विचार करना चाहिए। आखिर पड़ोसी ब्लॉक के रैयतों को व्यवसाईक का मुआवजा कैसे मिला। अनिल कुमार सिंह व्यवसायी, चंडीस्थान आमस

 

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