कुर्था अरवल प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रचीन सूर्य मंदिर प्रांगण में आज सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर संध्या समय देव दीपावली मनाया गया। इस मौके पर प्रांगण स्थित सभी मंदिरों को फूलों एवम रंग विरंगे रोशनी वाली बल्बों से सजाया गया था।कुर्था में देव दीपावली पर लोगों का उत्साह देखते बन रहा था।
कुर्था प्राचीन सूर्य मंदिर प्रांगण को 51 सौ मिट्टी के दीप से सजाया गया जिसको जलाने के लिए शहर वासी शाम 5 बजे से घाट पर मौजूद रहे।
साथ ही वाराणसी के तर्ज पर, सूर्य मंदिर पुरोहित सतीश पांडे द्वारा भव्य गंगा आरती कराई गई।जिसको देखने के लिए कुर्था के हजारों की संख्या में महिला पुरुष पहुंचे हुए थे। इस मौके पर छठ घाट का अलौकिक दृष्य बना हुआ था।देव दीपावली की चर्चा करते हुए मंदिर पुरहित श्री पांडे ने बताया कि,देव दिवाली का सनातन धर्म में बेहद महत्व है।
इस पर्व को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप मनाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस दिन राक्षस त्रिपुरासुर को हराया था। शिव जी की जीत का जश्न मनाने के लिए सभी देवी-देवता तीर्थ स्थल वाराणसी पहुंचे थे, जहां उन्होंने लाखों मिट्टी के दीपक जलाएं, इसलिए इस त्योहार को रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है।
इस शुभ दिन पर, गंगा घाटों पर उत्सव मनाया जाता है और बड़ी संख्या में तीर्थयात्री देव दिवाली मनाने के लिए इस स्थान पर आते हैं और एक दीया जलाकर गंगा नदी में छोड़ देते हैं।इस मौके पर उप मुख्य पार्षद रविन्द्र कुमार प्रसाद,कौंग्रेस के राम बिनय सिंह आदि उपस्थित थे वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचीन सूर्यमंदिर कमिटी,कुर्था के अध्यक्ष अशोक चौरसिया, सचिव पंकज सन्नी,सह सचिव अशोक कुमार मधेशिया,आदित्य कुमार मधेशिया,मेंडिश कुमार,रौशन कुमार,चंदन मधेशिया,अमरनाथ केशरी अलावे कमिटी के काफी संख्या में कार्यकर्ता तथा काफी संख्या में महिला, पुरूष एवम बच्चे मौजूद थे।