अरवल । बिहार में गजट जारी होने के बाद आज से सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में 75% आरक्षण लागू हो गया आरक्षण लागू होते ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर एवं मंडल मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय बीपी सिंह के बाद बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक कार्य करने का काम किया।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए जनता दल यू के प्रदेश सचिव सह पटना जिला के संगठन प्रभारी जितेंद्र पटेल ने एक प्रेस बयान जारी कर दी है उन्होंने कहा कि आरक्षण लागू होते ही कर्पूरी ठाकुर और बीपी सिंह के बाद तीसरे ऐतिहासिक पुरुष में लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिखा जाएगा जब जाति आधारित गणना बिहार में कराई जा रही थी तब लोग सोच रहे थे इससे क्या फायदा होगा लेकिन आज 75% आरक्षण लागू होने के बाद लोगों को फायदा नजर आने लगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद चाहे वह अति पिछड़ा आयोग का गठन की बात हो या जाति आधारित गणना की बात यह सब प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट भी इस पर रोक नहीं लगा सकती है क्योंकि महाराष्ट्र के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की क्या आपने किसी आयोग का गठन किया है या जाति आधारित गणना कराई है।
इससे पहले की सुप्रीम कोर्ट को कुछ कहने का मौका मिले बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना और आयोग का गठन कर नगर परिषद एवं नगर पालिका के चुनाव में आरक्षण को लागू करवाकर आज सरकारी सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में भी 75% आरक्षण लागू कर ऐतिहासिक कार्य करने का काम किया है अगर बात झारखंड एवं उत्तराखंड या छत्तीसगढ़ की बात कर लिया जाए तो आज भी आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल महोदय का हस्ताक्षर नहीं हो पाया है लेकिन बिहार की सरकार ने सभी दलों के सहमति से विगत 9 नवंबर को बिहार विधानसभा से आरक्षण विधेयक पारित कर राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा था।
नीतीश कुमार की काबिलियत से राज्यपाल महोदय को भी आरक्षण विधेयक बिल पर हस्ताक्षर करना पड़ा श्री पटेल ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जब अपने फार्मूले के तहत आरक्षण लागू करने का काम किए थे तब उनका बहुत विरोध हुआ था न जाने कितनी गालियां सुननी पड़ी थी क्या-क्या नहीं बोला गया था उसके बाद जब बीपी सिंह की सरकार ने मंडल कमीशन लागू किया तब बिहार सहित पूरे देश में जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश की गई थी न जाने कितने बसों को और गाड़ियों को जलाया गया था ।
लेकिन नीतीश कुमार की कार्य कुशलता ने सबसे पहले पंचायत के चुनाव में अति पिछड़ो महिलाओं एवं अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान उसके बाद आज बिहार के सरकारी नौकरियां एवं शैक्षणिक संस्थानों में 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शांतिपूर्ण ढंग से करके एक ऐतिहासिक कार्य करने का काम किया है।
इसके लिए लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जितने भी प्रशंसा की जाए वह काम है आने वाले दिन में इनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा सचमुच ऐसे महान व्यक्तित्व को देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए ताकि सभी वर्गों को उचित न्याय पूरे देश में मिल सके।