अरवल । अरवल मुख्यालय के गांधी मैदान में स्टेडियम तो ना बन सका लेकिन पुलिस एवं खनन विभाग के द्वारा जप्त गाड़ियों का कबाड़ खाना बन कर रह गया है अरवल पुलिस एवं खनन विभाग के द्वारा गांधी मैदान का कुछ हिस्सा तो अतिक्रमण कर ही लिया है और जैसे-जैसे गाड़ी जप्त हो रहा है वैसे-वैसे गांधी मैदान अतिक्रमण होता चला जा रहा है।
बताते चले कि तत्कालीन जिला पदाधिकारी श्रीमती जे प्रियदर्शनी ने गांधी मैदान में स्टेडियम निर्माण करने के लिए कार्य शुरू कराया था तो सेना में बहाल होने वाले कुछ युवक और विभिन्न राजनीतिक पार्टी के कुछ नेता ने गांधी मैदान में स्टेडियम निर्माण का विरोध किया और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था ।
जब के कई खिलाड़ी खेल प्रेमी विभिन्न राजनीतिक पार्टी के कुछ नेताओं ने स्टेडियम निर्माण करने का समर्थन किया था स्थानीय विधायक महानंद प्रसाद ने भी स्टेडियम निर्माण के लिए विरोध कर रहे लोगों को समझने का प्रयास किया लेकिन किसी ने विधायक महानंद प्रसाद और प्रशासन की बात मानने से इनकार कर दिया और गांधी मैदान में स्टेडियम निर्माण नहीं होने दिया ।
लेकिन गांधी मैदान राजनीतिक का शिकार हो गया और स्टेडियम का निर्माण पर रोक गया, गांधी मैदान में स्टेडियम निर्माण का विरोध का राजनीतिक लाभ पुलिस और खनन विभाग को हो गया और गांधी मैदान में पुलिस एवं खनन विभाग द्वारा गांधी मैदान के कुछ भाग में जप्त गाड़ियों को रखकर कब्ज कर लिया पुलिस और खमन विभाग के द्वारा गांधी मैदान को अतिक्रमण करके जप्त गाड़ियों का यार्ड बना दिया, पुलिस और खनन विभाग के द्वारा जप्त गाड़ियों को गांधी मैदान से अतिक्रमण को हटाने के लिए ना सेना में बहाल होने वाले युवक बोल रहे हैं और ना ही गांधी मैदान में स्टेडियम निर्माण का विरोध करने वाले नेता प्रयास कर रहे, गांधी मैदान में स्टेडियम तो नहीं बन सका ।
लेकिन पुलिस एवं खनन विभाग के द्वारा जप्त गाड़ियों को रखकर कबाड़ खाना जरूर बना दिया गया तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनोजित सिंह ने पुलिस के द्वारा जप्त गाड़ियों को नियम अनुसार नीलाम करके थाना से थाना के आसपास से गाड़ियों से लगा कचरा को खत्म किया था।
उसके बाद आज तक किसी पुलिस अधीक्षक ने नियम अनुसार जप्त गाड़ियों को नीलाम करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण जप्त गाड़ियों का कचरा लगा हुआ,जिला पदाधिकारी के पास दो तरह की चुनौती है कि गांधी मैदान में स्टेडियम निर्माण करना और दूसरा अतिक्रमण से मुक्त करना।