अरवल। भाकपा माले और इंसाफ मंच के द्वारा गाजा में इजरायल द्वारा जारी बच्चों महिलाओं व बेगुनाहों के बर्बर जनसंहार के खिलाफ मार्च निकाला गया। मार्च का नेतृत्व भाकपा माले जिला सचिव कॉ जितेंद्र यादव, किसान नेता कॉ राम कुमार वर्मा, कॉ गणेश यादव, कॉ गोपाल सिंह, महिला नेत्री कॉ लीला वर्मा, कॉ रामजी यादव, कॉ उपेंद्र राम, कॉ राजदेव राम, इंसाफ मंच के कॉ शाह शाद, सुएब आलम, युवा नेता नीतीश कुमार, शाह फराज और भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य कॉ रविंद्र यादव भी मार्च और सभा को संबोधित किया।
गाजा में जारी इजरायली जनसंहार में अब तक 2500 से अधिक बच्चों-महिलाओं और बेगुनाहों की बर्बर हत्या कर दी गई है. इसमें अकेले बच्चों की संख्या 750 बताई जा रही है. अस्पतालों, स्कूलों व घरों को बमबारी का निशाना बनाने के साथ ही खाद्य आपूर्ति, पानी, बिजली और ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई है. दुनिया इस भयावह मानवीय त्रासदी से गुजर रही है. 20 लाख से अधिक लोग, जिनमें आधे से अधिक बच्चे हैं, एक खुले यातना गृह बनाये जा चुके गाज़ा में फंसे हुए हैं. उन्हें बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप वक्त का तकाजा है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा हमास के हमले की आलोचना को इजराइल गाज़ा में व्यापक जनसंहार के बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. भारत में भाजपा आतंकी हमलों और हमास के वर्तमान हमलों के बीच फर्जी समानता दिखलाकर मुस्लिमों के खिलाफ घृणा प्रचार अभियान में उतर गई है।
लंबे अरसे से भारत फिलिस्तीन मुक्ति संघर्ष का समर्थक देश रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने फिलिस्तीन पर इजरायज के नाजायज कब्जे तथा फिलिस्तीनियों के विरुद्ध किए जा रहे अपराधों की तरफ से पीठ फेर लिया है।
भारतीय विदेशी नीति का तकाजा यह है कि सरकार तत्काल नागरिक हिंसा पर रोक लगाने, युद्धविराम व शांति स्थापित करने और फिलिस्तीनियों के संप्रभु होमलैण्ड के अधिकार को मान्यता देते हुए राजनीतिक समाधान को संभव बनाने की दिशा में काम करे. लेकिन, मोदी सरकार ऐसा कुछ नहीं कर रही है. मार्च और सभा की अध्यक्षता कॉम शोएब आलम ने किया।