बिक्रमगंज। निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी उपेंद्र कुमार पाल ने सभापति के नामांकित उम्मीदवार विकास कुमार उर्फ राणा का नामांकन बीते 18 मई को स्कूटनी के दौरान राज्य चुनाव आयोग के उस पत्र का हवाला देकर नामांकन को रद्द कर नोटिस थमा दिया गया था। जिसमे कहा गया था कि पहला जुड़वा बच्चा होने के पश्चात तीसरा बच्चा होता है तो उसकी गणना तीन बच्चे में की जायेगी।
हालांकि रिटर्निग पदाधिकारी ने पूछताछ को आधार बनाकर उक्त प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने का उल्लेख थमाए गए नोटिस में किया गया है।लेकिन जारी नोटिस में ट्रिपल बच्चे के जन्म तिथि से सबंधित कोई साक्ष्य को नही दर्शाया गया है।लिहाजा प्रत्याशी रहे विकास कुमार उर्फ राणा ने निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा थमाए गए नोटिस को माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा है कि बगैर किसी प्रकार के साक्ष्य के केवल पूछताछ को आधार बनाकर किसी का नामांकन रद्द करना न्यायोचित नही है।मुझे न्यायालय में पूरी आस्था और पूर्ण विश्वास है कि मुझे न्याय अवश्य मिलेगा।
बताया की इस मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है और राज्य चुनाव आयोग को नोटिस भेज न्यायालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।जिसकी सुनवाई आगामी 5 जून को होने वाली है।5 जून को ही चुनाव से सबंधित कोई बड़ा फैसला हो सकता है।बताया की पहला बच्चा मेरा जुड़वा है या द्वितीय इसका कोई साक्ष्य निर्वाची पदाधिकारी के पास नही है।बगैर किसी ठोस सबूत के मुझे चुनाव लडने से वंचित कर मेरे साथ अन्याय किया गया है।चुनाव लडने से वंचित रहे प्रत्याशी ने कहा कि तथ्यों के साथ राज्य चुनाव आयोग को भी आवेदन स्वीकृत कराकर सारे मामले से अवगत कराया गया है।जिसको गंभीरता से लेते हुए आयोग ने भी जांच कराने की बाते कही थी।
बताते चले की 27 वार्डो वाली इस नगर परिषद क्षेत्र में आगामी 9 जून को मतदान होना है और 11जून को मतगणना।इस चुनाव में सभापति पद के लिए कुल 28 तथा उप सभापति पद हेतू 14 एव वार्ड पार्षद पद के लिए 98 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर कर आवंटित चुनाव चिह्न के साथ अपना अपना ताल ठोक रहे है तथा मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद कर जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन रात लुभावने वादे के साथ जनसंपर्क अभियान चला रहे है।ऐसे में 5 जून को उच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई को लेकर अब नगरवासियों समेत प्रत्याशियों की भी सासे टंगती नजर आ रही है और जितनी मुंह उतनी बातें नगर में परवान चढ़ते जा रही है।
नगरवासियों में आशंका जताई जा रही है कि न्यायालय में इस मामले की सुनवाई होती है और न्यायालय को लगता है कि उक्त प्रत्याशी को गलत तथ्य के आधार पर चुनाव लडने से वंचित किया गया है तो ऐसे परिस्थिति में चुनाव की तिथि को बढ़ने की पुरजोर संभावना जताई जा रही है।वैसे पांच जून को होने वाली सुनवाई को ले जहां नगरवासियों की निगाहे उच्च न्यायालय पर टिकी हुई है।वही चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी अब फूक फूक कर कदम रख रहे है।