रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट
भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री सह काराकाट विधानसभा के भावी प्रत्याशी डॉ० मनीष रंजन ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद द्वारा सनातन धर्म की पवित्र ग्रंथ रामचरित्र मानस को लेकर दिए बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल पार्टी और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद को हिन्दू धर्म के विरोध में नफरत की दुकान चलाने वाला करार देना चाहिए। जिस मामलें में बैसाखी के सहारे चलने वाले बिहार के महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद के प्रति अबतक कोई कार्रवाई न करते हुए चुप्पी साध रखा है। जिससे स्पष्ट होता है की महागठबंधन सरकार की राजद पार्टी ने नीतीश कुमार को अपने हाथ की कठपुतली बना कर रखा है। दूसरी तरफ जब ऐसे व्यक्ति के हाथों में बिहार की शिक्षा व्यवस्था सौंप दी गई है,
जहां शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा मंत्री युवाओं के भविष्य को गर्त में पहुंचाने में कोई चूक नहीं करेंगे। साथ ही साथ भाजपा नेता डॉ. मनीष ने कहा कि उत्तरकांड में यह काकभुशुण्डी ” कौवा और गरुड़ , दोनों पक्षी मानव नही ” के बीच हुए संवाद का हिस्सा है। इसमें काकभुशुंडी गरुड से अपने गुरु और अपने बीच के प्रकरण का उल्लेख कर रहे हैं। वही बिहार के शिक्षा मंत्री ने देश के हिन्दू सनातन धर्म के प्रति अपने शर्मसार बयान के सहारे एक बार फिर से साबित कर दिया कि भले ही नाम में प्रोफेसर लगा हो लेकिन लाठीधारी पार्टी में जाते ही लोगों की बुद्धि कुंद पड़ जाती है। राजद विधायक चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। ज्ञात हो कि पटना में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था। जिन्होंने आधे-अधूरे ज्ञान के सहारे पूरे देश के हिन्दू समाज में दरार डालने का मंशा बना रहें हैं।
जो सोचनीय विषय है कि जिस व्यक्ति के मन में हिन्दुओं के लिए इतना जहर भरा हो, जिसका ज्ञान इतना अल्प हो, वह राज्य की शिक्षा व्यवस्था को किस कदर जहरीला बना सकता है। समाज के ऐसे कलंकित व्यक्ति को महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तत्काल बिहार सहित भारत हित हिन्दू राष्ट्र का ख्याल रखते हुए शिक्षा मंत्री को हर हाल में बर्खास्त करना चाहिए।