बिहार में निकाय चुनावों में OBC आरक्षण को लेकर पटना उच्च न्यायलय के फैसले से राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार विधान परिषद के सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। ट्विटर पर वीडियो सन्देश जारी कर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पटना उच्च न्यायलय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि ये फैसला केंद्र सरकार और भाजपा की गहरी साजिश का परिणाम है।
उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार पर जाति जनगणना न करने और विलंब करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा ने जानबूझकर प्रक्रिया को फाइनल नहीं किया है। इससे भाजपा की साजिश का पर्दाफाश होता है। उपेंद्र कुशवाहा ने चुनाव रोके जाने और OBC आरक्षण रद्द किये जाने पर भाजपा का घेराव किया है।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार में इस महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द कर दिया है और चुनाव पर रोक लगा दी है। आरक्षण के खिलाफ याचिका पर पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और एस. कुमार की बेंच ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इस मामले में जल्द सुनवाई कर फैसला सुनाने को कहा था। कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत बगैर ट्रिपल टेस्ट के ओबीसी को आरक्षण दे दिया है। जबकि आरक्षण देने के पहले पिछड़ेपन वाली जातियों को चिह्नित किया जाना था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं कर सीधे आरक्षण दे दिया जो पूर्णरूप से गलत है।