बलिया। जिले के रामगढ़ में एनएच-31 के किमी 27.990 के पास स्थित स्पर के नोज पर रविवार सुबह मां के साथ स्नान करने पहुंचे सगे तीन भाई नदी मे डूबने लगे। पास ही स्नान कर रही गांव की ही युवती ने बड़ी मशक्कत के बाद तैरते हुये दो को तो बचा लिया। इस प्रयास मे एक मासूम गहरे पानी मे समाते हुए ओझल हो गया। अपनी आंखो के सामने अपने लाल को तड़पे हुये नदी मे समाते देख वेवश मां बेसुध है। उधर, सूचना के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों की उदाशीनता से आक्रोषित ग्रामीणों ने एनएच जाम कर दिया।
बैरिया थाना क्षेत्र के गंगौली निवासी राजू सिंह की पत्नी रिंकू अपने तीन बेटों (अतुल -17, अमन -13 व सूरज -9) के साथ सुबह 6 बजे नहाने बस्ती के सामने गंगा घाट पहुंची थी। बताया जाता है कि मां स्पर पर साथ लाये कपडे को धोने लगी और बेटे नहाने लगे। इसी बीच सगे तीन भाइयो मे से एक डूबने लगा। जिसे बचाने के चक्कर मे तीनो ही गहरे पानी मे समाते हुये डूबने लगे। इनको बचाने के प्रयास मे 14 वर्षीय आयुषी पुत्री कृष्णा सिंह भी डूबने लगी। जिसे पास नहा रही एक महिला ने आयुषी को तो बाहर निकाल लिया किन्तु अंदर जाने का साहस नही कर पायी। डूब रहे बेटों पर नजर पड़ते ही मां दहाड़े मारने लगी। शोर सुनकर पास नहा रही बस्ती के ही 22 वर्षीय पूजा ने गजब का साहस दिखाते हुये नदी मे छलांग लगा दी। तैरते हुये कड़ी मशक्कत के बाद अतुल व अमन को तो नदी से बाहर खींच लायी। इस बीच ही 9 वर्षीय सूरज आंखो से ओझल हो गया। इस प्रयास मे पूजा खुद डुबते बची। उधर, प्रसाशनिक अधिकारियों पर उदाशीनता का आरोप लगाते हुये ग्रामीणों ने एनएच जाम कर दिया। बताया कि सूचना के चार घंटे बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नही पहुंचा। जिससे नदी मे गुम मासूम के तलाश का प्रयास भी नही हो पा रहा है। जाम की सूचना पर पहुंचे एसओ बैरिया धर्मबीर सिंह ने आक्रोषित लोगो को समझाते हुये जाम समाप्त कराने का प्रयास किया। सफलता नही मिली। कुछ देर बाद ही एसडीएम बैरिया आत्रेय मिश्र, सीओ उस्मान थानाध्यक्ष धर्मबीर सिंह आदि ने मौके पर पहुंच बताया कि गोरखपुर से एनडीआरएफ की टीम पहुंचने वाली है इसके बाद करीब एक घंटे तक चला जाम समाप्त हुआ।
हर जुबा पर पूजा के हौसले की तारीफ
बलिया। गंगा नदी मे डूब रहे तीन सगे भाइयों मे से दो की जान बचाने वाली पूजा की दिलेरी भरी बहादुरी की चर्चाए क्षेत्र के हर किसी के जुबा पर था। इस प्रयास मे वह खुद भी डूबने से बची। किन्तु हिम्मत न हारी। पुरे आत्म विश्वास के साथ बताया कि तीसरे मासूम दिखा ही नही, अपितु उसे भी बचा ली होती।
बैरिया थाना क्षेत्र के गंगौली निवासी एडवोकेट हरीशंकर की 22 वर्षीय बेटी पूजा अपनी मां के साथ बस्ती के सामने गंगा स्नान को गयी थी। अभी बाहर ही बैठी थी कि बच्चों के डूबने का शोर उठा। देखा कि कुछ बच्चे गहरे पानी मे डूब रहे है। इनमे से एक बच्ची को गांव की महिला बचाने का प्रयास कर रही है। और सब हक्के-बक्के दहशत मे खड़े थे। जैसे सबको काठ मार गया हो। प्रत्यक्षदर्शीयो के अनुसार इस बीच पूजा ने गजब की दिलेरी दिखायी। खुद की जान की परवाह किये बिना डुबते बच्चों को बचाने को नदी मे छलांग लगा दी। हालांकि तब तक तीनो मासूम फिसलते हुये गहरे पानी मे चले गये। इसके बाद भी शक्ति का रूप धारण कर चुकी पूजा हिम्मत नही हारी। और तैरकर एक-एक कर डुबते दो बच्चों (अतुल व अमन) को बाहर खींच लिया। हिन्दुस्तान से बात करते हुये बहादुर बिटिया ने बताया कि इस प्रयास मे डूब रहे बच्चे एक बार उस पर ही हावी होते दिखे। और बचाने के प्रयास मे खुद भी डुबते हुये तीन चार घूंट पानी भी पी लिया। किन्तु इसके बाद भी घबराहट व डर से इतर उम्मीद नही छोडी। बताया कि तैरते हुये डुबकी लगाकर उनकी पकड़ से खुद को आजाद किया। इसके बाद सिर के बाल पकड़ एक-एक कर दोनों को बाहर धकेला। बताया कि डुबते बच्चों को देख पता न कहा से मेरे अंदर एक अलग शक्ति का संचार हो गया था। बस जूनून था कि सबको बचाना है। किन्तु सूरज को न बचा पाने की कसक स्पष्ट झलक रही थी। बताया कि पलक झपकते ही ऐसा ओझल हुआ कि दिखा ही नही। पूजा ने ग्रेजुएसन की शिक्षा पीजी कालेज दूबेछपरा से पूरी की है। पिता वकील तथा मां गृहणी है।