बलिया। शारदीय नवरात्र के पहले दिन सोमवार को घर व मंदिरों पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापित हुआ तथा दुर्गा सप्तशती व चालीसा पाठ से संपूर्ण वातावरण देवीमय हो गया। सुबह से घरों व मंदिरों की साफ-सफाई कर विधि-विधान से पुरोहितों ने कलश स्थापित कराया। मंत्रोच्चार के बीच देवी के पहले शैलपुत्री स्वरूप का पूजन-अर्चन कर देवी भक्तों ने कष्टों को दूर करने की मन्नत मांगी।
कोविड काल में दो साल की पाबंदियों के बाद इस साल देवी भक्तों ने नवरात्र में पूजन-अर्चन को लेकर बेहद उत्साह है। प्रसिद्ध देवी मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों की लम्बी लाइन पूजन-अर्चन के लिए लगी थी। कुछ मंदिरों पर पड़ोसी जिलों के अलावा काफी संख्या में बिहार से भी देवी भक्त पहुंचे और पूजन-अर्चन कर अपने व परिवार के कुशलता की कामना की। मंदिरों पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस फोर्स की पर्याप्त व्यवस्था नजर आयी। प्रतिमा स्थल पर विधि-विधान से दुर्गा पाठ हुआ।
विशेष फलदाई होता है नवरात्रि में मंगला भवानी का दर्शन
मंगला भवानी के मंदिर में सालों भर किसी भी दिन आने और दर्शन पूजन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटती है। लेकिन नवरात्रि के पावन दिनों में दर्शन पूजन को भारी भीड़ जुटती है। मान्यता है कि नवरात्र में सच्चे मन से मां की बिना ताम झाम एवं दिखावा के मन्नत मांगी जाए तो अवश्यक पुरा होता है। मनौती मांगने और पूरी होने के बाद चुनरी चढ़ाने वाले भक्तों की पूरे नवरात्र में भीड़ में भीड़ जुटती है। मान्यता है कि मंगला भवानी की क्षेत्र के लोगों के उपर विशेष कृपा दृष्टि रहती है। मंदिर परिसर में की गयी शादियां अटूट होती हैं।